ऐसे है भाई शाहरुख़
शाहरुख के आकर्षक व्यक्तित्व, मिलनसार स्वभाव और प्रभावी अभिनय की प्रशंसक सारी दुनिया है। उनकी फिल्में भी कहीं न कहीं उनके व्यक्तित्व को दर्शाती हैं। हिंदी सिनेमा के इस सुपरस्टार के व्यक्तित्व के और भी पहलू हैं जिन पर प्रकाश डाल रहे हैं मुश्ताक शेख। मुश्ताक ने शाहरुख पर दो पुस्तकें शाहरुख कैन और स्टिल रीडिंग खान लिखी हैं। इनमें उनके जीवन और कॅरियर को करीने से संकलित किया गया है।
निजी जीवन में शाहरुख मेरी और आपकी तरह साधारण इंसान हैं। वह जब घर में होते हैं तो सारा समय आर्यन, सुहाना और गौरी को देते हैं। भारतीय मूल्यों, आदर्शो और संस्कारों में शाहरुख दिल से यकीन करते हैं और अपनी सभी जिम्मेदारियों को गंभीरता से निभाते हैं। यही वजह है कि वे हमेशा खुश एवं संतुष्ट नजर आते हैं। उनका एक ही लक्ष्य है, जीवन के अंतिम समय तक काम करते रहना। वह मानते हैं कि इंसान की पहचान उसके काम से होती है। अपने काम से ही इंसान निरंतर आगे बढ़ता रहता है।
शाहरुख भले ही उम्र की दहलीज पर दहलीज पार करते जा रहे हैं, लेकिन उनके अंदर आज भी दस साल का एक बच्चा है। उनकी इन्हीं खूबियों की बदौलत उनके चाहने वाले उनकी फिल्मों को पसंद करते हैं। आने वाले दिनों में शाहरुख की माई नेम इज खान, दूल्हा मिल गया, हैपी न्यू ईयर और रा 1 फिल्में उनके चेहेतों के बीच होंगी।
निजी जीवन में शाहरुख मेरी और आपकी तरह साधारण इंसान हैं। वह जब घर में होते हैं तो सारा समय आर्यन, सुहाना और गौरी को देते हैं। भारतीय मूल्यों, आदर्शो और संस्कारों में शाहरुख दिल से यकीन करते हैं और अपनी सभी जिम्मेदारियों को गंभीरता से निभाते हैं। यही वजह है कि वे हमेशा खुश एवं संतुष्ट नजर आते हैं। उनका एक ही लक्ष्य है, जीवन के अंतिम समय तक काम करते रहना। वह मानते हैं कि इंसान की पहचान उसके काम से होती है। अपने काम से ही इंसान निरंतर आगे बढ़ता रहता है।
शाहरुख भले ही उम्र की दहलीज पर दहलीज पार करते जा रहे हैं, लेकिन उनके अंदर आज भी दस साल का एक बच्चा है। उनकी इन्हीं खूबियों की बदौलत उनके चाहने वाले उनकी फिल्मों को पसंद करते हैं। आने वाले दिनों में शाहरुख की माई नेम इज खान, दूल्हा मिल गया, हैपी न्यू ईयर और रा 1 फिल्में उनके चेहेतों के बीच होंगी।
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