विधानसभा में राष्ट्रभाषा का अपमान

समाजवादी पार्टी के विधायक अबू असीम आजमी के हिंदी में शपथ लेने पर महाराष्ट्र विधानसभा में महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना [मनसे] के विधायकों ने जिस तरह से हंगामा है वोह देश केलिए अच्छी बात नही है-यह भाशकी बुन्याद पर मुल्क को बाँटने की एक कोशिश है-अगर मुल्क के नेता का यही हालरहा तो इस देश को एक और बटवारे से कोई नही रोक सकता -इस की जितनी निंदा की जाए कम है-विधानसभा में आज की घटना की जनता दल यूनाइटेड के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव ने घोर निंदा की और इसे राष्ट्रभाषा का अपमान बताया। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव ने राम कदम तथा अन्य लोगों द्वारा सपा विधायक अबू आजमी के हिंदी में शपथ लिए जाने पर की गई अभद्रता की कड़े शब्दों मे निंदा करते हुए कहा कि अबू आजमी ने हिंदी में शपथ लेकर न केवल राष्ट्रभाषा का बल्कि पूरे देश का सम्मान बढ़ाया है।
आजमी के हिंदी में शपथ लेने की शुरुआत करने के साथ ही मनसे के सभी 13 सदस्य आजमी की ओर दौड़े और उनसे माइक छीन लिया। वे आजमी के मराठी में शपथ लेने की मांग को लेकर नारे लगाने लगे। मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण और ऊर्जा मंत्री अजीत पवार ने सदन में शांति कायम रखने की कोशिश की। मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने पिछले महीने घोषणा की थी कि उनकी पार्टी के सदस्य सुनिश्चित करेंगे कि सभी विधायक मराठी में शपथ लें। राज ने चेतावनी दी थी कि अगर कोई विधायक मराठी में शपथ नहीं लेगा, तो सदन देखेगा कि क्या होता है। उधर, शरद यादव ने महाराष्ट्र विधानसभा की घटना पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि विधानसभा के अंदर हुई यह घटना एक तरह से संविधान का ब्रेकडाउन है क्योंकि सरकार और सदस्य दोनों ही संविधान की शपथ लेते हैं।
उन्होंने इसे राष्ट्रभाषा का अपमान और देश की एकता अखंडता के लिए खतरा बताया और कहा कि सभी दलों को इस घटना का विरोध करना चाहिए।
यह सच है कि आज हुई घटना के बाद अबू आजमी को पूरा देश सम्मान की नजर से देख रहा है और इस तरह का तमाशा करने वाले चूहे बिल्ली की तरह होते हैं।

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