सेकुलर भारत के लिए खतरनाक है मोदी की जीत


सेकुलर भारत के लिए खतरनाक है मोदी की जीत

रविवार, 16 दिसम्बर, 2012  शहाबूद्दीन साक़िब
1
 
 

गुजरात में कांग्रेस ने देर से ही सही लेकिन पहली बार राज्य के मुख्य मंत्री नरेंद्र मोदी  पर राजनीतिक हमला तेज करते हुए उन्हें हर तरफ से घेरने की कोशिश की है. पहले चरण से अधिक दूसरे चरण के मतदान के लिए कांग्रेस ने मोदी पर भारी हमला किया है. इस मामले में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी का रवैया भी सख्त रहा और उनहों ने लोगों को यह बताने कि कोशिश कि कि कैसे मोदी नफरत कि राजनीती कर रहे हैं।   गुजरात के 2002 के दंगों से पूरी दुनिया परिचित है, इस दंगे में राज्य के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी का जो घिनौना रोल रहा था वह भी लोगों को मालूम है।

यहाँ खास बात यह है कि एक ओर जहां कांग्रेस ने गुजरात के लोगों को मोदी के बारे में कभी बताने कि कोशिश नहीं कि वहीं मोदी कांग्रेस कि इस कमजोरी का लाभ उठा कर धीरे धीरे मजबूत होते चले गए। और आज हालत यह है कि मोदी को देश के प्रधान मंत्री के रूप में प्रोजेक्ट किया जा रह है। आज हालत यह है कि देश कि केवल भगवा ताक़तें ही नहीं नहीं पूरा कॉर्पोरेट घराना गुजरात  दंगों के मास्टर माइंड को दिल्ली की सत्ता सौंपने का सपना देख रहे हैं. मोदी को यहाँ तक पहुंचाने में कांग्रेस पार्टी की भूमिका से भी इनकार नहीं किया जा सकता. जैसे वर्तमान चुनाव में यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी, प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, कांग्रेस महासचिव राहुल  गांधी, अहमद पटेल समेत कांग्रेस के शीर्ष नेताओं और स्टार प्रचारक मोदी की सांप्रदायिकता के बारे में खुलकर बोल रहे हैं, इससे पहले पार्टी ने इस तरह के आक्रामक तेवरनहीं अपनाए. गुजरात में सांप्रदायिकता पर अपनी  चुप्पी तोड़ते हुए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि यहां के अल्पसंख्यक खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं , भाजपा विकास की बात करती है लेकिन विकास का लाभ प्रत्येक व्यक्ति  को नहीं मिला?

गुजरात के इस चुनाव में देश भर की निगाह इस लिए टिकी हुई है कि यह चुनाव राज्य की राजनीति ही नहीं, मोदी और भाजपा के लिए भी काफी महत्वपूर्ण है और यहाँ के परिणाम से ही मोदी का भविष्य तय होगा क्योंकि राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि भारतीय जनता पार्टी इस समय नेतृत्व के संकट से गुजर रही है, अगर वह विधानसभा का चुनाव हार गई तो उसके लिए 2014 के आम चुनाव मेंकामयाबी की राह आसान नहीं होगी. भाजपा गुजरात विधानसभा में सफलता के बात आम  चुनाव में यू पी ए  के खिलाफ नेतृत्व की जिम्मेदारी मोदी के कंधों पर डाल  सकती है. जहां तक मोदी का सवाल है  वह हिंदू मतदाताओं को अपनी ओर आकर्षित करने की पूरी क्षमता रखते हैं. इसलिए गुजरात के इस रावण को गुजरात तक ही रोकने के लिए जिस ताकत या अक़ल की ज़रूरत पद सकती है वह सिर्फ कांग्रेस के ही पास है।  इस समय भाजपा के सामने कर्नाटक की तरह गुजरात में भी नेताओं में मतभेद का सामना है. पार्टी के प्रमुख नेता और पूर्व मुख्यमंत्री केशव भाई पटेल 'गुजरात परिवर्तन  पार्टी बना कर मोदी के खटिया पहले ही खड़ी कर चुके हैं. जरूरत है मोदी के खोखले विकास के दावों को राज्य की जनता के सामने मजबूत और संगठित तरीके से पेश करने की. राज्य में पानी का संकट, बच्चों और महिलाओं में महिलाओं में उचित भोजन की कमी सहित अन्य समस्याओं का अंबार है. मोदी सरकार पर यह आरोप है कि उसने सार्वजनिक मुद्दों पर गंभीर ध्यान नहीं दिया, केंद्र सरकार की योजनाओं का लाभ से ज़रूरतमंद लोग वंचित रहे. इसके अलावा शिक्षा की ख़राब प्रणाली और आर्थिक परेशानी से भी राज्य जूझ रहा  है जिस पर विकास का पर्दा पड़ा हुआ है. ऐसे में यह सेकुलर नेताओं के अलवाह यह हर उस संगठन की भी ज़िम्मेदारी है जिसे सेकुलरिस्म से प्यार हैं और जो नफरत की राजनीती नहीं करते उन्हें यह  गंभीरता से विचार करना चाहिए कि राज्य में मोदी की लोकप्रियता के पीछे की सच्चाई है?

यह सच है कि गुजरात समेत देश भर में नफरत की राजनीति तेज़ होती जा रही है  जसका मोदी जैसे लोग पूरा लाभ उठा रहे हैं. मोदी का हिंदुत्ववादी गौरव इस तथ्य से भी स्पष्ट होता है कि विधानसभा के चुनाव में भी मुस्लिम को टिकट नहीं दिया गया है. हम सबको मालूम है यह देश शांतिप्रिय लोगों का देश रहा है  उसकी धर्मनिरपेक्षता के आधार काफी मजबूत और इसकी रक्षा करना हम सबकी जिम्मेदारी है. यहां सभी धर्मों के लोगों को पूरी स्वतंत्रता के साथ अपने धर्म के अनुसार जीवन व्यतीत करने की छूट है उस लिए साम्प्रदायिक मानसिकता वाले लोगों देश के लिए खतरनाक हैं ाऐसे में इस बात की सख्त ज़रूरत है कि सांप्रदायिक विचारों के ऐसे नाग को कुचल दिया जाये। यदि सेकुलर  दल एकजुट होकर इस जहरीले  सांप का सामना करते  हैं तो भाजपा और आरएसएस के किला को कमजोर किया जा सकता है जिस पर पार्टी और संघ को नाज़ है.

यहां यह बात भी ध्यान देने योग्य है कि मोदी को देश भर में नायक बनाकर पेश करने में कॉर्पोरेट घराने और राष्ट्रीय मीडिया जो भूमिका है, उसकी अनदेखी  नहीं कि जा सकती। सदैव नए तरीके से एक के बाद एक सर्वेक्षण के द्वारा मोदी को ताड़ पर चढ़ाकर  उसे बड़ा नेता बनाने कि कोशिश कि जा रही है।  नरेंद्र मोदी को राष्ट्रीय हीरो बनाने में कांग्रेस पार्टी के नेता भी पीछे नहीं रहे.समय समय पर कांग्रेस के लोग ही कुछ ऐसा ब्यान दे देते हैं जिस से ऐसा लगता है कि वह गुजरात के बड़े हेरो है। एक ओर जहां मोदी कि बुराई को सामने लाने कि ज़रूरत वहीं ठीक उसके उल्टा उन्हें अच्छा बता कर पेश किया जाता है। मोदी से मुकाबले के लिए बड़ी तैयारी कि ज़रूरत है। मोदी जैसे लोगों का बढ़ना इस देश के लिए उचित नहीं है। यह ऐसा देश है जहां हर कोई मिलकर रहना चाहता है और इसी में इस देश कि भलाई भी है मगर मोदी जैसे लोग अगर काफी आगे बढ़ गए फिर यह न सिर्फ अल्पसंख्यक के लिए बल्कि इस देश की एकता और अखंडता के लिए भी खतरनाक है।

लेखक पत्रकार हैं और इंकलाब से जुड़े हैं।

Comments

Popular posts from this blog

लोगों के दिल में आज भी धड़कते हैं जेपी

اب دلّی دورنہیں!

کوئی بھی کام حسن نیت کے بغیر ترقی اوردرجہ کمال کو نہیں پہنچتا