मदरसा board

हिंदुस्तान में मरकजी मदरसा बोर्ड बनने की बात सरकार ज़ोर व शोर से कर रही है-मगर मज़हबी उलमा और मिल्ली तंजीमें सरकार के इस फासले की शदीद मोखालेफत कर रहे है-उनका कहना है के सरकार इस चोर दरवाज़े से दिनी मदरसों में दाखिल होने की कोशिश कर रही है-यही वजह है के सिर्फ़ ४ फीसद मदरसों के तलबा के लिए iस कदर परेशान हे-muस्लिम ऍम पि भी उलमा की इस राइ से मुत्तफिक है-uनका कहना है के सरकार अगर वाकई मुस्लिम बचों के लिए कुछ कर न चाहती है तो उसे फले ९६ फीसद उन बचों के लिए करे जो स्कूल में पड़ते है -यही राइ करीब सबी मुसलमानों की है-वो दिनी मदरसों में सरकार की मुदाख्लत कभी नही चाहे गी -मुसलमानों का यह शभा बिल्कुल दुरुस्त है के सरकार के इस क़दम से मदरसों का नुकसान होगा -गोर करने की बात यह भी है के सरकार पहले ९६ फीसद उन मुस्लिम बचों के लिय किया क्र रही है-अज मुसलमान अपने ही मुल्क में इतना पीछे किउन है -अगर सरकार मुसलमानों पर ईमानदारी से तवजो देती तो आज मुसलमनो की यह हालत न होती -सेंतारल एजुकाशन बोर्ड के बन्ने से एक बड़ा नोकसान ये है के बोर्ड के मदरसों में तलबा पर धेयाँ कम दया जाता है -ढंग से तरबियत भी नही की जाती है-यही वजा है के मदरसों की असल रूह ख़तम होजाती है-बोर्ड के मदरसों में न तो तालीम होती है न तरबियत सिर्फ़ बोर्ड ही बोर्ड होता है-

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